सत्यापाश-
(अष्टाध्यायी ३.१.२५ ) इत्यादिना वीणा
शब्दादुपगानार्थे णिच्प्रत्ययः। ततस्तुमुन्। नारदो देवर्षी रवेः सूेर्यस्य संबन्धिना। उदयावृत्तिपथेनाकाशमार्गेण ययौ जगाम। सूर्योपमानेनास्यातितेजस्त्वमुच्यते ॥
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अ | थ | रो | ध | सि | द | क्षि | णो | द | धेः | |
श्रि | त | गो | क | र्ण | नि | के | त | मी | श्व | रम् |
उ | प | वी | ण | यि | तुं | य | यौ | र | वे | |
रु | द | या | वृ | त्ति | प | थे | न | ना | र | दः |