नायुधव्यसनं प्राप्तं नार्तं नातिपरिक्षतम्
(मनु.७।९३) इति निषेधादिति भावः ॥
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पू | र्वं | प्र | ह | र्ता | न | ज | घा | न | भू | यः |
प्र | ति | प्र | हा | रा | क्ष | म | म | श्व | सा | दी |
तु | रं | ग | म | स्क | न्ध | नि | ष | ण्ण | दे | हं |
प्र | त्या | श्व | स | न्तं | रि | पु | मा | च | का | ङ्क्ष |