अभिख्या नामशोभयोः
इत्यमरः (अमरकोशः ३.३.१६४ ) । आतश्चोपसर्गे
(अष्टाध्यायी ३.३.१०६ ) इत्यङ्प्रत्ययः। चित्रा नक्षत्रविशेषः। शिशिरापगमे चैत्र्यां चित्रापूर्णचन्द्रमसोरिवेत्यर्थः ॥
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का | प्य | भि | ख्या | त | यो | रा | सी |
द्व्र | ज | तोः | शु | द्ध | वे | ष | योः |
हि | म | नि | र्मु | क्त | यो | र्यो | गे |
चि | त्रा | च | न्द्र | म | सो | रि | व |