उपज्ञोपक्रमं तदाद्याचिख्यासायाम्
(अष्टाध्यायी २.४.२१ ) इति क्लीबत्वम्। तन्नवं रक्षसां कर्मभूतानां परिभवमाचख्यौ च ॥
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प्रा | प्य | चा | शु | ज | न | स्था | नं |
ख | रा | दि | भ्य | स्त | था | वि | धम् |
रा | मो | प | क्र | म | मा | च | ख्यौ |
र | क्षः | प | रि | भ | वं | न | वम् |