अपे क्लेशतमसोः
(अष्टाध्यायी ३.२.५० ) इति ङप्रत्ययः। ज्योतिरिव। तमोपहं तमोनाशकरं पुत्रं लेभे प्राप॥
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अ | था | ग्र्य | म | हि | षीं | रा | ज्ञः |
प्र | सू | ति | स | म | ये | स | ती |
पु | त्रं | त | मो | प | हं | ले | भे |
न | क्तं | ज्यो | ति | रि | वौ | ष | धिः |