क्रियार्थोपपदस्य-
(अष्टाध्यायी २.३.१४ ) इत्यादिना चतुर्थीं। प्रचोदितः प्रेरितः सन्। रघूणामन्वयं तद्विषयप्रबन्धं वक्ष्ये। कुलकम् ॥
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र | घू | णा | म | न्व | यं | व | क्ष्ये |
त | नु | वा | ग्वि | भ | वो | ऽपि | सन् |
त | द्गु | णैः | क | र्ण | मा | ग | त्य |
चा | प | ला | य | प्र | चो | दि | तः |