वार्ता प्रवृत्तिर्वृत्तान्तः
इत्यमरः (अमरकोशः १.६.७ ) । उपलब्धायां ज्ञातायां सत्याम्। मरुतस्यापत्यं पुमान् मारुतिर्हनुमान्। सागरम्। ममेत्येतदव्ययं ममतावाचि। तद्रहितो निर्ममो निःस्पृहः संसारमविद्याबन्धनमिव। तीर्णस्ततार। तरतेः कर्तरि क्तः ॥
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प्र | वृ | त्ता | वु | प | ल | ब्धा | यां |
त | स्याः | सं | पा | ति | द | र्श | नात् |
मा | रु | तिः | सा | ग | रं | ती | र्णः |
सं | सा | र | मि | व | नि | र्म | मः |