परिवेत्तानुजोऽनूढे ज्येष्ठे दारपरिग्रहात्
इत्यमरः (अमरकोशः २.७.६० ) । भूपरिग्रहोऽपि दारपरिग्रहसम इति भावः ॥
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स | हि | प्र | थ | म | जे | त | स्मि |
न्न | कृ | त | श्री | प | रि | ग्र | हे |
प | रि | वे | त्ता | र | मा | त्मा | नं |
मे | ने | स्वी | क | र | णा | द्भु | वः |